मिल ही जाता है कोई, दिल को दुखाने वाला
वरना इस दौर में, जीने का सहारा क्या है
जिन को आँसू, समझ रहे हो शकील
दिल के टूटे हुए, सहारे हैं
दिल को क्या-क्या, सुकून होता है
जब कोई आसरा नहीं होता
यह लग़ज़िशें ही, संभलना तुझे सिखा देंगी
क़दम-क़दम पे, सहारों का, मुँह न देखा कर
दिल-शिकन साबित हुआ, हर आसरा मेरे लिए
कोई दुनिया में नहीं मेरे सिवा, मेरे लिए
झूठा वादा ही सही दिल की, तसल्ली के लिए
आसरा तूर का है उसकी, तजल्ली के लिए